जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी
मंगलवार, 5 नवंबर 2013
इज्जत
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मैंने इज्जत से लपेट रक्खा है बदन को
इसको भी उतारूंगा तो नंगा हो जाउगा
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सारस्वत
05112013
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