जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी
रविवार, 19 जनवरी 2014
तूने भी रस्ता बदल लिया
#
नई उम्मीद के साथ
अच्छा है
अब यहाँ
कोई गलत फेहमी नही रही
तुमको मुबारक
खाबगाह मेह्फिलें तसव्वुर
मुझको तो खैर जीना यहीं
तन्हाइयों के साथ
#
सारस्वत
26092013
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