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जिस हवा को
खुश्बू से पता मिलता था आशिकी का
आज फ़िज़ा की
रफ्तार में गिरफ्तार है वो आशिक
जहाँ दिन
शुरू होता था दिवानगी का उल्फत में
वहाँ रात
गुजर जाती है अब अब्रे मोहब्बत में
ढूंडा लिया
बहाना आखिर उसने रस्ते बदलने का
ख़ामोशी में
शोर बड़ा है उसको तन्हाई चाहिए
#सारस्वत
26092013
#
करवटें
बदलती रही खामोशी सारी रात
गुजरता
गया वक्त भी शम्मा की लौ के साथ
नजर को
नजर लग गई नजर के सवाल से
ख्यालों में
टीस बड़ी है अब तो रिहाई चाहिए
ख़ामोशी में
शोर बड़ा है उसको तन्हाई चाहिए
#सारस्वत
21012014
जिस हवा को
खुश्बू से पता मिलता था आशिकी का
आज फ़िज़ा की
रफ्तार में गिरफ्तार है वो आशिक
जहाँ दिन
शुरू होता था दिवानगी का उल्फत में
वहाँ रात
गुजर जाती है अब अब्रे मोहब्बत में
ढूंडा लिया
बहाना आखिर उसने रस्ते बदलने का
ख़ामोशी में
शोर बड़ा है उसको तन्हाई चाहिए
#सारस्वत
26092013
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करवटें
बदलती रही खामोशी सारी रात
गुजरता
गया वक्त भी शम्मा की लौ के साथ
नजर को
नजर लग गई नजर के सवाल से
ख्यालों में
टीस बड़ी है अब तो रिहाई चाहिए
ख़ामोशी में
शोर बड़ा है उसको तन्हाई चाहिए
#सारस्वत
21012014
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