शनिवार, 22 मार्च 2014

















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मजबूरी का नाम महात्मा गांधी
बचपन से सुनता आया हूँ लेकिन कब रजिस्टर्ड हुआ पता नहीं ,
नेहरू की प्रदर्शनी गांधी हो गई
बाद में गांधी खानदानी डिवीजन हो गई किसीको मलाल नही
देश जोड़ने वाला नाम पटेल हुआ
पटेल अब स्टेचू ऑफ़ यूनिटी होगया , इस पर कोई सवाल नहीं
मौत का सौदागर नाम दिया
फिर भी मजबूती का नाम मोदी होगया , ये कमाल है के नहीं
केजरीवाल आईटम नम्बर होगया
आईटम डांसर बोला तो धरना देगा , फिर मत बोलना बताया नहीं
#सारस्वत
22032014 

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