सोमवार, 28 अप्रैल 2014

सोचिये


#
सोचिये ,
शादी करने से पहले …
सिन्दूर ,
किसके नाम का लगाने जा रही हो ,
बाद में रोना तो ना पड़ेगा   ....
सिन्दूर ,
किस की मांग में लगा रहे हो  …
बाद में पछताना ना पड़ेगा  ,
इतना सोचना तो ,
जरूरी बनता है ना , आखिर  ....
सारी जिन्दगी का मामला है  ,
मांग कोई भी हो ,
मांग की सूरत को जरूर देखिए  ....
वोट डालने से पहले भी ,
सोचिये ,
वोट देने के बाद  ....
आपकी उंगली पर लग़ी स्याही  ....
और माथे पर लगा सिंदूर  …
एक समान होता है  ....
गलत निर्णय से  …
आप नहीं नस्ले पछताती हैं  ....
इसलिए ,
एक बार निर्णय लीजिये ,
देश हित में सोचिये ,
आपके परिवार की फिर  ....
माँ भारती सोचेगी।
जय हिन्द जय भारत।।
"वन्देमारतम्"
#सारस्वत
28042014 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें