जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी
रविवार, 11 मई 2014
"माँ"
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दुनिया से रूबरू किया माँ ने मुझे
ऊँगली पकड़ चलना सिखाया माँ ने मुझे
आज मैं जो भी हूँ तेरे ही दम से हूँ माँ
पैहला सबक जिन्दगी का दिया माँ ने मुझे
त्याग की मूरत , ममता की सूरत
गुरु भी तूही , ईश्वर भी तूही
हे मातेश्वरी तुझको प्रणाम
#सारस्वत
05092013
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