गुरुवार, 7 अगस्त 2014

संस्कृत












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वेद का पहला श्लोक

अग्निम् ईळे पुरोहितं यज्ञस्य देवम्
ऋत्विजम्. होतारं रत्नधातमम्.

संस्कृत
विश्व के प्राचीनतम ग्रन्थ वेद की भाषा है
अतः संस्कृत को विश्व की प्रथम भाषा
मानने से इंकार के लिये
किसी के भी मन में कोई बाकी संशय नहीं रहता है
संस्कृत की
सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता
स्वम भाषा एवं लिपि के लिए सर्वश्रेष्ठता सिद्ध करती है
संस्कृत
सर्वाधिक महत्वपूर्ण साहित्य की धनी है
इस नाते भी संस्कृत की महत्ता निर्विवाद है
संस्कृत
देवभाषा है
शुभदिनसुन्दरहो
#सारस्वत
08082014 

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