मंगलवार, 23 जून 2015

उप्पर वाला देख रहा



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क्या कर रहा तू  … किस से छुपा कर 
उस से छुपा ना  … कुछ भी तेरा 
उप्पर वाला देख रहा  … 
सद्गुण तेरे परख रहा 
दुष्कर्मों की देगा  … वो निश्चित सजा 
उप्पर वाला देख रहा  … 
सद्गुण तेरे परख रहा 
काम क्रोध की ज्वाला  … दिल से तू निकल दे 
काम नहीं आएगा  … ये छलना तेरा 
उप्पर वाला देख रहा  … 
सद्गुण तेरे परख रहा 
किस काम के लालच में  … दुनियां को ठग रहा 
बोल लोभ के नरक से   … बाकि बचा क्या तेरा 
उप्पर वाला देख रहा  … 
सद्गुण तेरे परख रहा 
रिश्ते नाते झूठे सारे   … मोह माया का जाल 
छोड़ दे ख्याल   …  ये जग ना तेरा 
उप्पर वाला देख रहा  … 
सद्गुण तेरे परख रहा 
खाली हाथ आया तू   …  जायेगा खाली हाथ
धरा रह जायेगा  …  यहीं सब कुछ तेरा 
उप्पर वाला देख रहा  … 
सद्गुण तेरे परख रहा 
अब तो कुछ विचार ले   …  कर्मों को सुधार ले 
जीवन को सवाँर ले   …  है कल ना तेरा 
उप्पर वाला देख रहा  … 
सद्गुण तेरे परख रहा 
 #सारस्वत 
22062015

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