मंगलवार, 9 जून 2015

प्यार का पैहला अक्षर …


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प्यार का पैहला अक्षर …  प्यार के बिना रहता अधुरा है
सिर्फ दो कदम साथ में …  चलने से नहीं होता पूरा है

इश्क़ अल्फाज़ नही है … निखलिश चाहत की तरहा
इश्क तो एहसास है … जिस्म में गैहरी रूह की तरहा
मोहब्बत सी पाकीज़ा  … कोई दूसरी नहीं है दुनिया में
सम्भाला है दीवाने को भी  … इश्क़ की पाक इबादत ने
प्यार क़िस्सा कहानी नहीं … प्यार तो हसरतों का है ज़ख़ीरा  
प्यार में चैन को चैन नहीं  … मिलता है उम्मीद का सवेरा
सिर्फ दो कदम साथ में …  चलने से नहीं होता पूरा है
प्यार का पैहला अक्षर …
बस इतना जान लो तुम  … किसी को चाहने से पैहले
चाहत की कश्ती में  … साथ तबियत के सफर से पैहले
जीने की चाहत रखना  … तुम मरने की ख्वाइश से पैहले
प्यार के परिंदे इश्क का घरोंदा  … दिल में बनाने से पैहले
मोहब्बत की आरजू करना  … आबरू रखना मोहब्बत से पैहले
और मंजिल की दुआ करना  … हर एक दुआ करने से पैहले
सिर्फ दो कदम साथ में …  चलने से नहीं होता पूरा है
प्यार का पैहला अक्षर …
#सारस्वत
18102013

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