गुरुवार, 24 सितंबर 2015

बनारस मूर्ति विसर्जन

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तुम कूड़ा फेंको कचरा कर दो गंगाजी को शान से 
गणपति जी को लाओगे तो जाओगे तुम जान से 

हवनकुंड की मिटटी लाये दण्ड पिलेगा समझ लो तुम 
पुजा की सामग्री संग आये लठियायेंगें समझ लो तुम 
धरम करम पर फूल चढाने अफ़सर आये हैं ठान के 
गणपति जी को लाओगे तो  ...
रोग रसायन मिलों की गाद गिरती है तो गिरने दो 
बूचड़खाने पशुधन काटो और गंद गंगा में बहने दो 
नदियों में सीवर का पानी चलो डालो सीना तान के 
गणपति जी को लाओगे तो  … 
#सारस्वत 
24092015 

शनिवार, 12 सितंबर 2015

बहुत दूर निकल गया


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बहुत दूर निकल गया हूँ 
घर का रस्ता भूल गया हूँ 
बहुत दूर … 

छत चौबारे संकरी गलियाँ 
नीम के पेड़ की निम्बोलियाँ 
पीपल की छाँव गेहूं की बालियाँ 
भूल भुलैईया में भूल गया हूँ 
बहुत दूर … 

मिटटी की खुशबू गन्ने का खेत 
फिरकी चकरी कुश्ती लमलेट 
बेफ़िक्री की कुदान बोली में ठेठ 
भागदौड़ में सबकुछ भूल गया हूँ 
बहुत दूर …

वो कच्ची पगड्ण्डीयों पे चलना 
वो डोल पर लापरवाह सा बैठना 
वो देर रात गाँव का फेरा लगाना 
शहर के नक़्शेक़दम में भूल गया हूँ 
बहुत दूर … 

#सारस्वत 
10042014

बुधवार, 9 सितंबर 2015

शांति की ख़ोज निरंतर जारी है


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अंतर्मन मंथन की यात्रा पर है 
शांति की ख़ोज निरंतर जारी है 
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कभी शब्दों को शब्द नहीं मिलते 
कभी ओठ चाहकर नहीं खुलते 
अकाल पर अकाल भारी हैं 
शांति की ख़ोज  ...
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रिश्तों के रिश्ते रिस्ते हुये बंधन 
फिरभी विषधर लपेटे वृक्ष है चंदन 
तृष्णा बुँदे भी पलकों पर आरी हैं 
शांति की ख़ोज  ...
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तेज़ बिखराया है धूपिया रंगों में 
दर्द समाया है रेत के टीलों में 
मरुस्थल में मृगतृष्णा तारी है 
शांति की ख़ोज  ... 
#सारस्वत 
09092015

मंगलवार, 8 सितंबर 2015

ध्यान का मतलब क्या होता है

#ध्यान_का_मतलब_क्या_होता_है 
अगर नहीं जानते तो  … 
तो फिर सोचिये  … ध्यान का मतलब क्या होता है 
समझने की कोशिश कीजिये  … ध्यान का मतलब क्या होता है 
और जब तक समझ में ना आये  … ध्यान का मतलब क्या होता है 
तब तक जानने की कौशिश करते रहिये  … ध्यान का मतलब क्या होता है 
यक़ीन मानिये  … मैं जानता हूँ आप समझदार हैं 
लेकिन समझदारी दिखाने की कोशिश  … ध्यान के लिये बेकार है 
ध्यान का मतलब क्या होता है 
जानने के लिये  … 
आप किसी से भी सहायता नहीं ले सकते 
शुल्क अथवा निशुक्ल  कोई परामर्श ले दे नहीं सकते 
कृपया पेट में मरोड़ मारने बंद कीजिये क्योंकि  … 
सुझाव पेटिका पूर्णतः वर्जित हैं 
बहुत ही साधारण सा कार्य मिला है आपको 
ध्यान के ध्यान में ध्यान मग्न होना है आपको 
अब ध्यान के सभी प्रश्नों के उत्तर दक्खिन 
स्वम आप सभी ध्यान के विद्यार्थीयों को तलाशने हैं 
बस यही ध्यान है 
शुभकामनाओं के साथ 
आपका शुभिच्छुक 
ध्यान के ध्यान में एक ध्यान 
#सारस्वत 
08092015 

"चुनावी दंगल"


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हो गया है श्रीगणेश चुनावी दंगल का 
शुरू करो अभियान चुनावी दंगल का 
चारे का नया पेड़ उगाओ लालटेन जलाकर 
करो सत्य धराशाई दौड़ की दौड़ में आकर 
मत बैठो खुश होकर खाली गठजोड़ बिठाकर 
लक्ष्य साधो अपना नित नये तीर चलकर 
गिरगिट की कला में माहिर श्रीमन जी श्रेष्ठ 
शुरू करो अभियान मंगल सुमंगल का 
शुरू करो अभियान चुनावी दंगल का  … 
भक्तों की भीड़ देखकर घबरा मत जाना 
तीरंदाजों से तुम भी जयकारा लगवाना 
जीत जायेंगें फिर से मुकाबला है पुराना 
शागिर्दों से कहदो बस जमकर जोर लगाना 
दोबारा होगा चंदन भुजंग जंगल का 
शुरू करो अभियान चुनावी दंगल का  … 
पाटलिपुत्र में होगा राज फिर से जंगल का 
#सारस्वत
200182015  

रविवार, 6 सितंबर 2015

मैं ही तो हूँ


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जल में थल में नभ में पवन  में  … मैं ही तो हूँ 
फूल में पौधे में जीव में निर्जीव में  … मैं ही तो हूँ 

ईश्वर कहो परमेश्वर कहो या जो तुम्हारी मर्जी कहो 
पितामह कहो या परम पिता मानो   … मैं ही तो हूँ 
अनन्त आकाश से लेकर सूक्ष्मतम कण तक सब 
मन के अवयव मानव तुझमें भी तो  … मैं ही तो हूँ 
स्थल देवस्थल जो निर्माण किया तूने श्रद्धा भाव से  
स्थापित या विथापित यत्र तत्र सर्वत्र … मैं ही तो हूँ 
ज्ञान में विज्ञानं में मनन मंथन और संज्ञान में 
बोध के सम्बोधन में आत्मा और अंतर्मन में  … मैं ही तो हूँ 

मैं ही तो हूँ  … देखता रहता है जो हर क्षण मानव का चरित्र 
मैं ही तो हूँ  … देता रहता हूँ कर्म के हिसाब से सज़ा विचित्र
मैं ही तो हूँ  … जिसने बनाया शून्य नगण्य धन्य का चित्र 
मैं ही तो हूँ  … भूत भविष्य मान सम्मान पिता पुत्र पितृ 
मैं ही तो हूँ  … जिस ने कहा कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान पवित्र 
मैं ही तो हूँ  … जीव जन्म की तूलिका मोक्ष मृत्यु सचित्र
मैं ही तो हूँ  … समयकाल महाकाल विकराल और मित्र 
#सारस्वत 
18101996