शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2015

साथ चलेंगे ...

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साथ चले हैं साथिया  … साथ चलेंगे
रिश्ता जन्म जन्म का   … साथ चलेंगे
 
जब से जाना है अपना तुमको माना है ,
दरिया से सागर तक … साथ चलेंगे

थम कर हाथ विश्वास के साथ में
एहसास की धारा में  … साथ चलेंगे

घुल जाओ मिल जाओ सांसों में यूँ ही
प्रेम प्यार पियतम स्पर्श  … साथ चलेंगे

चाँद के साथ में तारो जड़ी रात में ,
चलो चाँद को देखने … साथ चलेंगे

#सारस्वत
11102014

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