जिंदगी का हिसाब मेरी शायरी
गुरुवार, 26 नवंबर 2015
26/11
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भूला नहीं जाता ...
उस रात का मंज़र !
26/11 आती है ...
नाला छूट जाता है !!
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सारस्वत
26112014
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