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ह्रदय मन्दिर में मनोवेग कलश स्थापित कीजिये
दीपक राग अनुराग से अंतर्मन सुसज्जित कीजिये
ह्रदय मन्दिर में ...
मन की माला सृजित होवे स्नेह की पंखड़ियों से
मनकी मुंडेरों पर धवल ज्योति प्रकाशित कीजिये
ह्रदय मन्दिर में ...
अंतर्मन की कंदराओं से शकशंकाओं को बिसराइये
नेहपुष्प प्रेमदीप सघन सुरंगों तक प्रसारित कीजिए
ह्रदय मन्दिर में ...
प्रेम प्यार सौहार्द भाष्य उज्ज्वल प्रफुल्लित होगा
निश्छल निर्मल ज्योतिर्पुंज सर्वत्र प्रज्वलित कीजिये
ह्रदय मन्दिर में ...
भाव से प्रभाव से हर संभव समभाव की दीप श्रंखला
माँ भारती के श्रीचरणों में प्रेमप्रीत समर्पित कीजिये
ह्रदय मन्दिर में ...
#सारस्वत
10112015
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