शनिवार, 12 दिसंबर 2015

खबर कर दो ...

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अभी ज़िंदा हूँ मैं 
खबर कर दो , दिवानों को सियासतदानों को 
बादलों की चालों से 
सूरज ढला नहीं करते , बता दो नाफ़र्मानों को 
बादलों की चालों से ,
सूरज ढला नहीं करते  ... 

मायूस ना हो 
ऐतबार ना बदल , आयेगा मौका भी आज़माइशों का 
इरादे पुराने चावल हैं  
हौसले मचलते फड़कते हैं , रौशनी तो पहुंचे अतिशदानों को 
बादलों की चालों से 
सूरज ढला नहीं करते  ... 

बैठ कर आसरे 
मुकददर के , हासिल को नहीं होता कभी कुछ हासिल 
तोड़ दो सहारे 
किनारों के किनारे , होश से भरदो सागर पैमानों को 
बादलों की चालों से 
सूरज ढला नहीं करते   ... 

नई सुबह से पहले 
अँधेरा छटने से पहले , आती है उम्मीद जगाती है सबको 
अलसुबह होगई , 
मौसम आज़माने को , इंकलाब आने को है बतादो नौजवानों को 
बादलों की चालों से 
सूरज ढला नहीं करते   ... 
#सारस्वत 
12122015 

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