बुधवार, 20 अप्रैल 2016

एहसास ...

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देर तलक साथ चलने के बाद जब
पता चलता है अकेले लौटना होगा
घर का पता भी बड़ी दूर लगता है

मुद्दतों साथ में रहने के बाद में
बिछुड़ने का कैसा भी कोई एहसास
फ़ासलों का नया फ़ैसला लगता है

दर्दे मोहब्बत के नाम करने के बाद
हर हिस्सा जिंदगी की सौग़ात का 
एक किस्सा सा लगने लगता है

शिकवों की शिकायतें सुनने के बाद
निगाहें लाख निगाह फेरें जज़्बात से
पलकों से गिला छलकने लगता है
#सारस्वत
03022014 

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