सोमवार, 15 अगस्त 2016

जश्नेआज़ादी पर ...

#
जश्नेआज़ादी मनाने वालो
बस इतना बतला दो तुम
कितने हुये आज़ाद हो तुम
कितना बताया जाता है

जनगणमन का अधिनायक
भारत का भाग्य विधाता है
भारतमाँ को पिता बताकर
गीत राष्ट्रीय गाया जाता है

चतुरंगी है राष्ट्र पताका
तिरंगा सब को बताता हूँ
मिली खड्ग बिना ढाल आज़ादी
झूठ घुट्टी में पढ़ाया जाता है

कहने में अच्छा लगता है
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा
लेकिन सुनने को मिलता है
देश साम्प्रदायिक बनता जाता है

कुछ मुस्लिम को कह दूँ तो
सौ मुस्लिम चिल्लाते हैं
मैं गौरक्षा की बात करूँ तो
हिन्दू गुंडा बतलाया जाता है

सोने की चिड़िया सोने की लंका
जैसे होते रोज़ घोटाले है
जनगणमन कुछ मांगे तो
घण्टा बजाया जाता है

जयहिंद जय भारत
मादरेवतन हिंदुस्तान
वन्देमातरम
#सारस्वत
15082016 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें