मित्रता में होता है घनिष्टता का पर्याय आत्मीयता
पूर्वाग्रह युक्त सम्भावनाओं के निमित्त मित्र नहीं होता
मित्र सखा यार साथी मीत सहचर संगी अनुरागी प्रीत
परस्पर व्यवहार से अपनत्व भरा भाव जाग्रत है होता
मित्रता की व्यवस्था में होती है सम्बन्धों में सघनता
मित्र की मित्रता में अनुबंद का कोई प्रबंदन नहीं होता
साहस स्वभाव का नाम ही मित्र प्रण प्राण धैर्य नाम है
मित्र की मित्रता में ध्रष्टता का कोई छंद बंद नहीं होता
पक्ष विकपक्ष का कोई भी अर्थ नहीं होता है मित्रता में
जो भी होता है ह्रदय तरंगो के समक्ष प्र्त्यक्क्ष है होता
दो-कड़ी की मैत्रीक माला होती है विश्वास का प्रतिज्ञापत्र
मित्र की मित्रता में आत्मबल का संयुक्ताक्षर है होता
#सारस्वत
31052017
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